इंदौर से कीर्ति राणा की रिपोर्ट
सलोनी की जेल अवधि 10 सितंबर तक बढाई गई… दैनिक भास्कर के समूह संपादक वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक खुदकुशी मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेजी गई सलोनी अरोरा को जेएमएफसी कोर्ट में पेश किया गया। जहां पुलिस ने रिमांड वगैरह तो नहीं मांगा लेकिन उस पर भादवि की धारा 201 और 205 और बढ़ा दी।ये धाराएं साक्ष्य नष्ट करने और अपराध करने के बाद साक्ष्य छुपाने से संबंधित हैं। सलोनी के वकील ने जरूर जमानत का आवेदन लगाया था जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए नकार दिया कि आवेदन लगाने के लिए यह सक्षम न्यायालय नहीं है।कोर्ट से उसे आगामी 10 सितंबर तक पुनः न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
ज्ञातव्य है कि पुलिस ने तीन बार उसका पीआर (पुलिस रिमांड) मांगा था, जिसकी अवधि 15 अगस्त को समाप्त होने पर उसे जेएमएफसी अंशुश्री चौहान की कोर्ट में पेश किया था। जहां से उसे आगामी 29 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। न्यायिक हिरासत अवधि खत्म होने पर जेल से लाकर उसे जेएमएफसी कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस द्वारा कोर्ट को जानकारी दी गई की विवेचना के आधार पर सलोनी के विरुद्ध 465, 67 68 71 भादवि के अलावा 201 205 भादवि और बढ़ाई गई है।
इधर सलोनी की ओर से एडवोकेट विपिन पंवार द्वारा उसकी जमानत की अर्जी पेश की गई। कोर्ट ने यह कहते हुए अर्जी वापस कर दी कि इस कोर्ट को इस मामले में जमानत देने का अधिकार नहीं है।

जेल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 15 अगस्त से अब तक 14 दिन की अवधि में सलोनी अरोरा से मुलाकात को उसके रिश्तेदार आदि कोई नहीं आए। नीमच में उसकी मां-भाई और रतलाम में बहन रहती है। बहन के पास ही सलोनी का लड़का रह रहा है। इन में से कोई मुलाकात के लिए नहीं आया है।
सलोनी की तरफ से एडवोकेट विपिन पंवार द्वारा लगाए जमानत आवेदन को कोर्ट ने इसलिए नकार दिया कि वह इस अदालत की अपेक्षा एडीजे कोर्ट में लगाया जाना था। अभी मामला जेएमएफसी में चल रहा है। चालान पेश होना है। फिर डीजे कोर्ट संबंधित (थानें के मामले देखने वाले) एडीजे कोर्ट को प्रकरण बहस के लिए भेजेंगे
Sabhar- Bhadas4media.com
सलोनी अरोड़ा से जेल में मिलने कोई परिजन नहीं पहुंचा
Reviewed by Sushil Gangwar
on
August 31, 2018
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