
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राजस्थान के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ने लगा है। दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी कोर्ट के निर्देश पर हुई है, लेकिन सवाल बिहार और राजस्थान पुलिस के काम पर उठ रहे हैं। कोर्ट ने फिलहाल दुर्ग सिंह राजपुरोहित को 1 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
बता दें कि राजपुरोहित पर एक दलित मजदूर से कथित मारपीट और बकाया नहीं देने के आरोप में एससी-एसटी अत्याचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, उन्हें बाड़मेर से रविवार को गिरफ्तार कर पटना की अदालत में मंगलवार को पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
दरअसल, एससी-एसटी एक्ट से जुड़ा यह एक अजीबोगरीब मामला है। इस मामले की शुरुआत से लेकर अब तक की कार्रवाइयां सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि राजपुरोहित के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला पटना में दर्ज किया गया है, जबकि राजपुरोहित का कहना है कि वे कभी बिहार गए ही नहीं। वहीं, दूसरी ओर जिसके नाम से शिकायत दर्ज कराई गई है उसने भी ऐसी कोई शिकायत दर्ज कराने से इनकार किया है।
राजपुरोहित ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कुछ पता ही नहीं है। उन्हें जब राजस्थान पुलिस यहां लेकर आई तब पता चला कि किसी आदमी ने उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया है, जिसमें कहा गया कि मैं गिट्टी बालू का काम करता हूं, जबकि मैनें पिछले 18 वर्षों से पत्रकारिता के अलावा कोई काम नहीं किया। मुझे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा हैं।
गौरतलब है कि राजपुरोहित ‘इंडिया न्यूज राजस्थान’ में कार्यरत हैं। उनके खिलाफ 31 मई को परिवाद 261/18 दायर किया गया। यह केस नालंदा के राकेश पासवान नाम के व्यक्ति के नाम से किया गया है। आरोप है कि दुर्ग सिंह उसे 6 महीने पहले मजदूरी के लिए बाड़मेर ले गए और पत्थर का खनन कराया पर पैसे नहीं दिए। अप्रैल के पहले हफ्ते में पिता की तबियत खराब हुई तो वे घर लौट आए। 15 अप्रैल को दुर्ग सिंह पटना आए और बाड़मेर जाने को बोला और मना करने पर धमकाने लगे। 7 मई को चार लोगों के साथ पटना पहुंचे और उस मजदूर को सड़क पर जूते से पीटने लगे और गाली देने लगे। 2 जून को राकेश का कोर्ट में बयान हुआ। इसी बात पर कोर्ट ने 9 जुलाई को दुर्ग सिंह की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया।
Sabhar- samachar4media.com
SC/ST एक्ट में गिरफ्तार हुए पत्रकार दुर्ग सिंह का मामला है काफी पेचीदा...
Reviewed by Sushil Gangwar
on
August 25, 2018
Rating: